Baba Prachand Nath

Baba Prachand Nath
Amit Shukla GKP

बुधवार, 18 मई 2016

भारतीय सेक्युलरों की गन्दी जुबान

गंगा जी के पानी को,गंदे नाले सा बोला था,

दिग्गी तुमने भगवा को आतंकवाद से तोला था,

खादी ने खाकी के दम पे गजब खेल दिखलाया था,

पता चला है एटीएस ने खुद ही बम रखवाया था,

याद रखेंगी तारीखें कुछ ऐसा घटिया काम किया,

वोट बैंक की खातिर तुमने भगवा को बदनाम किया,

बेगुनाह को अपराधी करने की जिद पर आई थी,

प्रज्ञा पर अत्याचारों की कैसी झड़ी लगाई थी,

रात रात तक चमड़े के पट्टों से पीटा जाता था,

बेरहमी से बाल पकड़कर उन्हें घसीटा जाता था,

बिजली के झटकों से तन का तार हिलाया जाता था,

गंदी आवाजें सुनवा कर उसे सताया जाता था,

कितने नारको टेस्ट हुए पर कोई राज नहीं आए,

फिर भी वे अत्याचारों से बिल्कुल बाज नहीं आए,

जो अपराध किया ना था उसको मनवाने ऐंठे थे,

यूपीए के कुछ दलाल खाकी वर्दी में बैठे थे,

और कोई होता तो प्यारे कब का टूट गया होता,

इतने अत्याचारों से जीवन से रुठ गया होता,

मगर शेरनी हिंदू बेटी नरक यातना झेल गई,

सिस्टम को बौना बतलाकर मौत के मुंह से खेल गई,

आज उसे इंसाफ मिला है लेकिन क्या ये काफी है,

आठ साल की पाइ पाइ का हिसाब तो बाकी है,

गुजरे उसके आठ साल क्या कोई लौटा पाएगा,

दर्द सहे हैं जो प्रज्ञा ने उसका कर्ज चुकाएगा ,

इसरत को बेटी बतलाने वाले कुछ तो बोलो जी,

महिला अधिकारों के रक्षक आकर मुँह तो खोलो जी,

कहाँ गए सब मानवता की बातें करने वाले जी,

अफज़ल की मैयत पे रह रह आहें भरने वाले जी,

तुम क्यों बोलोगे तुमको तो तुष्टीकरण ही प्यारा है,

यही चुनावी मैदानों मे करता वारा न्यारा है,

''प्रचण्ड'' अभी भी न जागा तो फिर हिन्दू पछताएगा,

जीना तो छोड़ो, मर्जी से, खुल के हँस ना पाएगा.....!

!! जय !! श्री !! राम !!

अमित कुमार शुक्ला "प्रचण्ड"
गोरखपुर उत्तर प्रदेश
+91-8052402445