Baba Prachand Nath

Baba Prachand Nath
Amit Shukla GKP

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

आतंकवाद का धर्म

आखिर...ऐसा क्यों है........??? समझना है तो पुरा पढ़ें 🙏

बौद्ध +हिन्दू =रहने में समस्या नहीं
हिन्दू + ईसाई = रहने में समस्या नहीं ,
हिन्दू + यहूदी = रहने में समस्या नहीं,
ईसाई +नास्तिक =रहने में समस्या नहीं,
नास्तिक +बौद्ध = कोई समस्या नहीं,
बौद्ध + सिख = कोई समस्या नहीं,
सिख + हिन्दू = कोई समस्या नहीं,
कन्फ्यूशियस + हिन्दू =कोई समस्या नहीं,

अब थोड़ा और ध्यान दीजिए...

मुस्लिम +हिन्दू = समस्या
मुस्लिम +बौद्ध =समस्या
मुस्लिम + ईसाई = समस्या
मुस्लिम +Jews =समस्या
मुस्लिम + सिख = समस्या
मुस्लिम + Baha'is = समस्या
मुस्लिम + नास्तिक = समस्या
मुस्लिम +Atheists =समस्या
मुस्लिम +मुस्लिम =बहुत बड़ी समस्या!

उदाहरण देखिए, जहां-जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है, वहाँ वे सुखी नहीं रहते हैं और न दूसरे को रहने देते हैं!

देखिए ...

मुस्लिम सुखी नहीं गाजा में
मुस्लिम सुखी नहीं Egypt में
मुस्लिम सुखी नहीं लीबिया में
मुस्लिम सुखी नहीं मोरोक्को में
मुस्लिम सुखी नहीं ईरान में
मुस्लिम सुखी नहीं ईराक में
मुस्लिम सूखी नहीं यमन में
मुस्लिम सुखी नहीं अफगानिस्तान में
मुस्लिम सुखी नहीं पाकिस्तान में
मुस्लिम सुखी नहीं सीरिया में
मुस्लिम सुखी नहीं लेबनान में
मुस्लिम सुखी नहीं नाइजीरिया में
मुस्लिम सुखी नहीं केन्या में
मुस्लिम सुखी नहीं सूडान में

अब गौर कीजिए .........!
मुस्लिम सुखी वहां हैं, जहाँ कम संख्या में है...??

मुस्लिम सुखी है आस्ट्रेलिया में
मुस्लिम सुखी है इंग्लैंड में
मुस्लिम सुखी है बेल्जियम में
मुस्लिम सुखी है फ्रांस में
मुस्लिम सुखी है इटली में
मुस्लिम सुखी है जर्मनी में
मुस्लिम सुखी है स्वीडन में
मुस्लिम सुखी है U.S.A. में
मुस्लिम सुखी है कनाडा में
मुस्लिम सुखी है भारत में
मुस्लिम सुखी है नार्वे में
मुस्लिम सुखी है नेपाल में

मुसलमान हर उस देश में सुखी है !
जो इस्लामिक देश नही है ........
और देखिये कि वो उन्ही देशो को दोषी ठहराते है जो इस्लामिक नही हैं....!
या जहां मुस्लिमो की लीडरशिप नही है.....!

मुस्लिम हमेशा उन देशो को ब्लैम करते है जहा वे सुखी हैं.......!
और मुस्लिम उन देशो को बदलना चाहते है..... जहा वे सुखी हैं !
और बदल कर वे उन देशो की तरह कर देना चाहते हैं!
जहा वे सुखी नही हैं........!
और अंत तक वो इसके लिए लड़ाई करते हैं....! और इसको ही बोलते हैं........

इस्लामिक जिहाद

अब थोड़ा आतंकवादी संगठनो पर नजर डालिए........!
जिनके द्वारा वह दुनिया को बदलना चाहते हैं....!

1.ISIS = इस्लामी आतंकवादी संगठन ,
2.अल कायदा = आतंकवादी संगठन ,
3.तालिबान = आतंकवादी संगठन
4.हमास = आतंकवादी संगठन
5.हिज्बुल मुजाहिदीन=आतंकवादी संगठन
6.बोको हराम =आतंकवादी संगठन
7.Al-Nusra =आतंकवादी संगठन
8.अबू स्याफ = आतंकवादी संगठन
9.अल बदर = आतंकवादी संगठन
10.मुस्लिम ब्रदरहुड = आतंकवादी संगठन
11.लश्कर-ए-तैयबा = आतंकवादी संगठन 12.Palestine Liberation Front  
     =आतंकवादी संगठन
13.ISLAMIC TERROR ORGANIZATION
    Ansaru =आतंकवादी संगठन
14.जेमाह इस्लामिया = इस्लामी आतंकवाद
      संगठन
15.अब्दुल्ला आजम ब्रिगेड = आतंकवादी
      संगठन

आदि और भी हैं ऐसे ही इस्लामिक जेहादी आतंकवादी संगठन!

अब इतना तो आप सभी, जरूर समझ गए होंगे कि......
"आतंकवादी" का "मजहब" क्या होता है.....???

अब अगर कोई हम हिन्दुओ को बदनाम करता है........
भगवा आतंकवाद के नाम पर, तो .......
उसे वहीं पकड़ कर ...................
ये काला चिठ्ठा अवश्य दिखाएं...........!

वैसे इस्लाम को समझना बहुत आसान है.......
पर उन्हें क्या कहें ..........
जिनकी ये सोच है कि आंख बंद करो तो समस्या चली जाती है.........!

बस इन्ही जैसे लोगो के बल पर इस्लामिक जिहाद बढ़ता है.........!

आश्चर्य......घोर आश्चर्य.........?

इस्लामिक प्रताड़ना एवं "जिहादियो" द्वारा सबसे ज्यादा मरते भी यही "सेकुलर" हैं...!!







                                     अमित कुमार शुक्ला "प्रचण्ड"
                                                गोरखपुर उत्तर प्रदेश
                                                 +91-8052402445

बुधवार, 18 मई 2016

भारतीय सेक्युलरों की गन्दी जुबान

गंगा जी के पानी को,गंदे नाले सा बोला था,

दिग्गी तुमने भगवा को आतंकवाद से तोला था,

खादी ने खाकी के दम पे गजब खेल दिखलाया था,

पता चला है एटीएस ने खुद ही बम रखवाया था,

याद रखेंगी तारीखें कुछ ऐसा घटिया काम किया,

वोट बैंक की खातिर तुमने भगवा को बदनाम किया,

बेगुनाह को अपराधी करने की जिद पर आई थी,

प्रज्ञा पर अत्याचारों की कैसी झड़ी लगाई थी,

रात रात तक चमड़े के पट्टों से पीटा जाता था,

बेरहमी से बाल पकड़कर उन्हें घसीटा जाता था,

बिजली के झटकों से तन का तार हिलाया जाता था,

गंदी आवाजें सुनवा कर उसे सताया जाता था,

कितने नारको टेस्ट हुए पर कोई राज नहीं आए,

फिर भी वे अत्याचारों से बिल्कुल बाज नहीं आए,

जो अपराध किया ना था उसको मनवाने ऐंठे थे,

यूपीए के कुछ दलाल खाकी वर्दी में बैठे थे,

और कोई होता तो प्यारे कब का टूट गया होता,

इतने अत्याचारों से जीवन से रुठ गया होता,

मगर शेरनी हिंदू बेटी नरक यातना झेल गई,

सिस्टम को बौना बतलाकर मौत के मुंह से खेल गई,

आज उसे इंसाफ मिला है लेकिन क्या ये काफी है,

आठ साल की पाइ पाइ का हिसाब तो बाकी है,

गुजरे उसके आठ साल क्या कोई लौटा पाएगा,

दर्द सहे हैं जो प्रज्ञा ने उसका कर्ज चुकाएगा ,

इसरत को बेटी बतलाने वाले कुछ तो बोलो जी,

महिला अधिकारों के रक्षक आकर मुँह तो खोलो जी,

कहाँ गए सब मानवता की बातें करने वाले जी,

अफज़ल की मैयत पे रह रह आहें भरने वाले जी,

तुम क्यों बोलोगे तुमको तो तुष्टीकरण ही प्यारा है,

यही चुनावी मैदानों मे करता वारा न्यारा है,

''प्रचण्ड'' अभी भी न जागा तो फिर हिन्दू पछताएगा,

जीना तो छोड़ो, मर्जी से, खुल के हँस ना पाएगा.....!

!! जय !! श्री !! राम !!

अमित कुमार शुक्ला "प्रचण्ड"
गोरखपुर उत्तर प्रदेश
+91-8052402445

सोमवार, 14 सितंबर 2015

देश को लूटने से बचाये...भारतवर्ष को फिर से समृद्ध बनाये...

Earlier in 2015

News Feed


काँग्रेश ने देश पर 55 लाख 87 हजार 149 करोड़ का कर्ज छोड़ के गई है !
जिसका 1 वर्ष का ब्याज भरना पड़ रहा है = 4 लाख 27 हजार करोड़ !
यानि 1 महीने का = 35 हजार 584 करोड़ !
यानि 1 दिन का = 1 हज़ार 186 करोड़ !
यानि 1 घंटे का = 49 करोड़ !
यानि 1 मिनट का 81 लाख !
यानि 1 सेकेंड का 1,35,000!
जरा सोचिए ! जब देश लूटेरी कांग्रेस की मेहरबानी से प्रति सेकेंड 1 लाख 35 हजार रूपये का तो सिर्फ पुराने कर्जे का ब्याज भर रहा है तो देश के अच्छे दिन आसानी से कैसे आएंगे..???
अत: जितना सम्भव हो भारतीय प्रोडक्ट ही ख़रीदे, देश को लूटने से बचाये, अर्थव्यस्था की मजबूती में अपना अमूल्य योगदान देकर भारतवर्ष को फिर से समृद्ध बनाये...
!!जय भारत!!
गोरखपुर उत्तर प्रदेश
+91-8052402445

आवश्यक सन्देश



"आवश्यक सन्देश"
"सुप्रीम कोर्ट के मुक़द्दमे मे कसाईयो द्वारा गाय काटने के लिए वही सारे कुतर्क रखे गए जो कभी शरद पवार द्वारा बोले गए या इस देश के ज्यादा पढ़ें लिखे लोगो द्वारा बोले जाते है या देश के पहले प्रधान मंत्री नेहरू द्वारा कहे गए !
कसाईयो का पहला कुतर्क !!
1) गाय जब बूढ़ी हो जाती है तो बचाने मे कोई लाभ नहीं उसे कत्ल करके बेचना ही बढ़िया है !
और हम भारत की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं क्यूंकि गाय का मांस export कर रहे हैं
दूसरा कुतर्क
2) भारत मे गाय के चारे की कमी है .. भूखी मरे इससे अच्छा ये है हम उसका कत्ल करके बेचें
तीसरा कुतर्क
3) भारत मे लोगो को रहने के लिए जमीन नहीं है गाय को कहाँ रखें ?
चौथा कुतर्क
4 ) इससे विदेशी मुद्रा मिलती है
और सबसे खतरनाक कुतर्क जो कसाइयों की तरफ से दिया गया कि गया की ह्त्या करना हमारे धर्म इस्लाम मे लिखा हुआ है की हम गायों की ह्त्या करें (this is our religious right )
राजीव भाई की तरफ से बिना क्रोध प्रकट किए बहुत ही धैर्य से इन सब कुतर्को का तर्कपूर्वक जवाब दिया !
उनका पहला कुतर्क गाय का मांस बेचते हैं तो आमदनी होती है देशो को ! तो राजीव भाई ने सारे आंकड़े सुप्रीम कोर्ट मे रखे कि एक गाय को जब काट देते हैं तो उसके शरीर मे से कितना मांस निकलता है ??? कितना खून निकलता है ?? कितनी हड्डियाँ निकलती हैं ??
एक सव्स्थय गाय का वजन 3 से साढ़े तीन कवींटल होता है उसे जब काटे तो उसमे से मात्र 70 किलो मांस निकलता है एक किलो गाय का मांस जब भारत से export होता है तो उसकी कीमत है लगभग 50 रुपए ! तो 70 किलो का 50 से गुना को ! 70 x 50 = 3500 रुपए !
खून जो निकलता है वो लगभग 25 लीटर होता है ! जिससे कुल कमाई 1500 से 2000 रुपए होती है !
फिर हड्डियाँ निकलती है वो भी 30-35 किलो हैं ! जो 1000 -1200 के लगभग बिक जाती है !!
तो कुल मिलकर एक गाय का जब कत्ल करे और मांस ,हड्डियाँ खून समेत बेचें तो सरकार को या कत्ल करने वाले कसाई को 7000 रुपए से ज्यादा नहीं मिलता !!
फिर राजीव भाई द्वारा कोर्ट के सामने उल्टी बात रखी गई यही गाय को कत्ल न करे तो क्या मिलता है ??? हमने कत्ल किया तो 7000 मिलेगा और अगर इसको जिंदा रखे तो कितना मिलेगा ??
तो उसका calculation ये है !!
एक सव्स्थ्य गाय एक दिन मे 10 किलो गोबर देती है और ढाई से 3 लीटर मूत्र देती है ! गाय के एक किलो गोबर से 33 किलो fertilizer (खाद ) बनती है !जिसे organic खाद कहते हैं तो कोर्ट के जज ने कहा how it is possible ??
राजीव भाई द्वारा कहा गया आप हमे समय दीजिये और स्थान दीजिये हम आपको यही सिद्ध करके बताते हैं ! तो कोर्ट ने आज्ञा दी तो राजीव भाई ने उनको पूरा करके दिखाया !! और कोर्ट से कहा की आई. आर. सी. के वैज्ञानिक को बुला लो और टेस्ट करा लो !!! तो गाय का गोबर कोर्ट ने भेजा टेस्ट करने के लिए ! तो वैज्ञानिको ने कहा की इसमें 18 micronutrients (पोषक तत्व )है !जो सभी खेत की मिट्टी को चाहिए जैसे मैगनीज है ! फोस्फोरस है ! पोटाशियम है, कैल्शियम,आयरन,कोबाल्ट, सिलिकोन ,आदि आदि | रासायनिक खाद मे मुश्किल से तीन होते हैं ! तो गाय का खाद रासायनिक खाद से 10 गुना ज्यादा ताकतवर है !तो कोर्ट ने माना !!
राजीव भाई ने कहा अगर आपके र्पोटोकोल के खिलाफ न जाता हो तो आप चलिये हमारे साथ और देखे कहाँ - कहाँ हम 1 किलो गोबर से 33 किलो खाद बना रहे हैं राजीव भाई ने कहा मेरे अपने गाँव मे मैं बनाता हूँ ! मेरे माता पिता दोनों किसान है पिछले 15 साल से हम गाय के गोबर से ही खेती करते हैं !
तो 1 किलो गोबर है तो 33 किलो खाद बनता है ! और 1 किलो खाद का जो अंराष्ट्रीय बाजार मे भाव है वो 6 रुपए है !तो रोज 10 किलो गोबर से 330 किलो खाद बनेगी ! जिसे 6 रुपए किलो के हिसाब से बेचें तो 1800 से 2000 रुपए रोज का गाय के गोबर से मिलता है !
और गाय के गोबर देने मे कोई sunday नहीं होता weekly off नहीं होता ! हर दिन मिलता है ! तो साल मे कितना ??? 1800 का 365 मे गुना कर लो !
1800 x 365 = 657000 रुपए ! साल का !
और गाय की समानय उम्र 20 साल है और वो जीवन के अंतिम दिन तक गोबर देती है !
तो 1800 गुना 365 गुना 20 कर लो आप !! 1 करोड़ से ऊपर तो मिल जाएगा केवल गोबर से !
और हजारो लाखों वर्ष पहले हमारे शास्त्रो मे लिखा है की गाय के गोबर मे लक्ष्मी जी का वास है !!
और मेकोले के मानस पुत्र जो आधुनिक शिक्षा से पढ़ कर निकले हैं जिनहे अपना धर्म ,संस्कृति - सभ्यता सब पाखंड ही लगता है !हमेशा इस बात का मज़ाक उड़ाते है ! कि 😀हा..हा..हाःहा..हा
गाय के गोबर मे लक्ष्मी !
तो ये उन सबके मुंह पर तमाचा है ! क्यूंकि ये बात आज सिद्ध होती है की गाय के गोबर से खेती कर ,अनाज उत्पादन कर धन कमाया जा सकता है और पूरे भारत का पेट भरा जा सकता है !
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अब बात करते हैं मूत्र की रोज का 2 - सवा दो लीटर !! और इससे ओषधियाँ बनती है
diabetes ,की ओषधि बनती है !
arthritis,की ओषधि बनती है
bronkitis, bronchial asthma, tuberculosis, osteomyelitis ऐसे करके 48 रोगो की ओषधियाँ बनती है !! और गाय के एक लीटर मूत्र का बाजार मे दवा के रूप मे कीमत 500 रुपए है ! वो भी भारत के बाजार मे ! अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे तो इससे भी ज्यादा है !! आपको मालूम है ?? अमेरिका मे गौ मूत्र patent हैं ! और अमरीकी सरकार हर साल भारत से गाय का मूत्र import करती है और उससे कैंसर की medicine बनाते हैं !! diabetes की दवा बनाते हैं ! और अमेरिका मे गौ मूत्र पर एक दो नहीं तीन patent है ! अमेरिकन market के हिसाब से calculate करे तो 1200 से 1300 रुपए लीटर बैठता है एक लीटर मूत्र ! तो गाय के मूत्र से लगभग रोज की 3000 की आमदनी !!!
और एक साल का 3000 x 365 =1095000
और 20 साल का 300 x 365 x 20 = 21900000 !
इतना तो गाय के गोबर और मूत्र से हो गया !! एक साल का !
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और इसी गाय के गोबर से एक गैस निकलती है जिसे मैथेन कहते हैं और मैथेन वही गैस है जिससे आप अपने रसोई घर का सिलंडर चला सकते हैं और जरूरत पड़ने पर गाड़ी भी चला सकते हैं 4 पहियो वाली गाड़ी भी !!
जैसे LPG गैस से गाड़ी चलती है वैसे मैथेन गैस से भी गाड़ी चलती है !तो न्यायधीश को विश्वास नहीं हुआ ! तो राजीव भाई ने कहा आप अगर आज्ञा दो तो आपकी कार मे मेथेन गैस का सिलंडर लगवा देते हैं !! आप चला के देख लो ! उन्होने आज्ञा दी और राजीव भाई ने लगवा दिया ! और जज साहब ने 3 महीने गाड़ी चलाई ! और उन्होने कहा its excellent ! क्यूंकि खर्चा आता है मात्र 50 से 60 पैसे किलोमीटर और डीजल से आता है 4 रुपए किलो मीटर ! मेथेन गैस से गाड़ी चले तो धुआँ बिलकुल नहीं निकलता ! डीजल गैस से चले तो धुआँ ही धुआँ !! मेथेन से चलने वाली गाड़ी मे शोर बिलकुल नहीं होता ! और डीजल से चले तो इतना शोर होता है कान फट जाएँ !! तो ये सब जज साहब की समझ मे आया !!
तो फिर हमने कहा रोज का 10 किलो गोबर एकठ्ठा करे तो एक साल मे कितनी मेथेन गैस मिलती है ?? और 20 साल मे कितनी मिलेगी और भारत मे 17 करोड़ गाय है सबका गोबर एक साथ इकठ्ठा करे और उसका ही इस्तेमाल करे तो 1 लाख 32 हजार करोड़ की बचत इस देश को होती है ! बिना डीजल ,बिना पट्रोल के हम पूरा ट्रांसपोटेशन इससे चला सकते हैं ! अरब देशो से भीख मांगने की जरूरत नहीं और पट्रोल डीजल के लिए अमेरिका से डालर खरीदने की जरूरत नहीं !!अपना रुपया भी मजबूत !
तो इतने सारे calculation जब राजीव भाई ने बंब्बाड कर दी सुप्रीम कोर्ट पर तो जज ने मान लिया गाय की ह्त्या करने से ज्यादा उसको बचाना आर्थिक रूप से लाभकारी है !
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जब कोर्ट की opinion आई तो ये मुस्लिम कसाई लोग भड़क गए उनको लगा कि अब केस उनके हाथ से गया क्यूंकि उन्होने कहा था कि गाय का कत्ल करो तो 7000 हजार कि इन्कम ! और इधर राजीव भाई ने सिद्ध कर दिया कत्ल ना करो तो लाखो करोड़ो की इन्कम !!और फिर उन्होने ने अपना trump card खेला !! उन्होने कहा की गाय का कत्ल करना हमारा धार्मिक अधिकार है (this is our religious right )
तो राजीव भाई ने कोर्ट मे कहा अगर ये इनका धार्मिक अधिकार है तो इतिहास मे पता करो कि किस - किस मुस्लिम राजा ने अपने इस धार्मिक अधिकार का प्रयोग किया ?? तो कोर्ट ने कहा ठीक है एक कमीशन बैठाओ हिस्टोरीयन को बुलाओ और जीतने मुस्लिम राजा भारत मे हुए सबकी history निकालो दस्तावेज़ निकालो !और किस किस राजा ने अपने इस धार्मिक अधिकार का पालण किया ?
तो पुराने दस्तावेज़ जब निकाले गए तो उससे पता चला कि भारत मे जितने भी मुस्लिम राजा हुए एक ने भी गाय का कत्ल नहीं किया ! इसके उल्टा कुछ राजाओ ने गायों के कत्ल के खिलाफ कानून बनाए ! उनमे से एक का नाम था बाबर ! बाबर ने अपनी पुस्तक बाबर नामा मे लिखवाया है कि मेरे मरने के बाद भी गाय के कत्ल का कानून जारी रहना चाहिए ! तो उसके पुत्र हुमायु ने भी उसका पालण किया और उसके बाद जितने मुगल राजा हुए सबने इस कानून का पालन किया including ओरंगजेब !!
फिर दक्षिण भारत मे एक राजा था हेदर आली !टीपू सुल्तान का बाप !! उनसे एक कानून बनवाया था कि अगर कोई गाय की ह्त्या करेगा तो हैदर उसकी गर्दन काट देगा और हैदर अली ने ऐसे सेकड़ो कासयियो की गर्दन काटी थी जिन्होने गाय को काटा था फिर हैदर अली का बेटा आया टीपू सुलतान तो उसने इस कानून को थोड़ा हल्का कर दिया तो उसने कानून बना दिया की हाथ काट देना ! तो टीपू सुलतान के समय में कोई भी अगर गाय काटता था तो उसका हाथ काट दिया जाता था |
तो ये जब दस्तावेज़ जब कोर्ट के सामने आए तो राजीव भाई ने जज साहब से कहा कि आप जरा बताइये अगर इस्लाम मे गाय को कत्ल करना धार्मिक अधिकार होता तो बाबर तो कट्टर ईस्लामी था 5 वक्त की नमाज पढ़ता था हमायु भी था ओरंगजेब तो सबसे ज्यादा कट्टर था ! तो इनहोने क्यूँ नहीं गाय का कत्ल करवाया और क्यूँ ? गाय का कत्ल रोकने के लिए कानून बनवाए ??? क्यूँ हेदर अली ने कहा कि वो गाय का कत्ल करने वाले के हाथ काट देगा ??
तो राजीव भाई ने कोर्ट से कहा कि आप हमे आज्ञा दें तो हम ये कुरान शरीफ ,हदीस,आदि जितनी भी पुस्तके है हम ये कोर्ट मे पेश करते हैं और कहाँ लिखा है गाय का कत्ल करो ये जानना चाहतें है ! और आपको पता चलेगा कि इस्लाम की कोई भी धार्मिक पुस्तक मे नहीं लिखा है की गाय का कत्ल करो !
हदीस मे तो लिखा हुआ है कि गाय की रक्षा करो क्यूंकि वो तुम्हारी रक्षा करती है ! पेगंबर मुहमद साहब का statement है की गाय अबोल जानवर है इसलिए उस पर दया करो ! और एक जगह लिखा है गाय का कत्ल करोगे तो दोझक मे भी जमीन नहीं मिलेगी! मतलब जहनुम मे भी जमीन नहीं मिलेगी !!
तो राजीव भाई ने कोर्ट से कहा अगर कुरान ये कहती है मुहम्मद साहब ये कहते हैं हदीस ये कहती है तो फिर ये गाय का कत्ल कर धार्मिक अधिकार कब से हुआ ?? पूछो इन कसाईयो से ?? तो कसाई बोखला गए ! और राजीव भाई ने कहा अगर मक्का मदीना मे भी कोई किताब हो तो ले आओ उठा के !!
अंत कोर्ट ने उनको 1 महीने का पर्मिशन दिया की जाओ और दस्तावेज़ ढूंढ के लाओ जिसमे लिखा हो गाय का कत्ल करना इस्लाम का मूल अधिकार है ! हम मान लेंगे !! और एक महीने तक भी कोई दस्तावेज़ नहीं मिला !! कोर्ट ने कहा अब हम ज्यादा समय नहीं दे सकते ! और अंत 26 अक्तूबर 2005 judgement आ गया !! और आप चाहें तो judgement की copy
www. supremecourtcaselaw . com पर जाकर download कर सकते हैं !
ये 66 पनने का judgement है सुप्रीम कोर्ट ने एक इतिहास बना दिया और उन्होंने कहा की गाय को काटना सांविधानिक पाप है धार्मिक पाप है ! और सुप्रीम कोर्ट ने कहा गौ रक्षा करना,सर्वंधन करना देश के प्रत्येक नागरिक का सांविधानिक कर्त्तव्य है ! सरकार का तो है ही नागरिकों का भी सांविधानिक कर्तव्य है ! अब तक जो संविधानिक कर्तव्य थे जैसे , संविधान का पालन करना ,राष्ट्रीय ध्वज ,का सम्मान करना ,क्रांतिकारियोंका सम्मान करना ,देश की एकता , अखंडता को बनाए रखना ! आदि आदि अब इसमे गौ की रक्षा करना भी जुड़ गया है !!
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की भारत की 34 राज्यों की सरकार की जिमेदारी है की वो गाय का कतल अपने अपने राज्य में बंद कराये और किसी राज्य में गाय का कतल होता है तो उस राज्य के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है राज्यपाल की जवाबदारी,चीफ सेकेट्री की जिम्मेदारी है, वो अपना काम पूरा नहीं कर रहे है तो ये राज्यों के लिए सविधानिक जवाबदारी है और नागरिको के लिए सविधानिक कर्त्तव्य है !!
अब कानून दो सतर पर बनाये जाते हैं एक जो केद्र सरकार बना सकती है और एक 35 राज्यों की राज्य सरकार बना सकती है अपने आपने राज्यों में !! अगर केंद्र सरकार ही बना दे !! तो किसी राज्य सरकार को बनाने की जरूरत नहीं ! केंद्र सरकार का कानून पूरे देश मे लागू होगा ! तो आप सब केंद्र सरकार पर दबाव बनाये !! जब तक केंद्र सरकार नहीं बनाती तब तक आप अपने अपने राज्य की सरकारों पर दबाव बनाये ! दबाव कैसे बनाना है ???
आपको हजारो ,लाखो की संख्या मे प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति या राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखना है और इतना ही कहना है की 26 अक्तूबर 2005 को जो सुप्रीम कोर्ट का judgment आया है उसे लागू करो !!
आप अपने -आस पड़ोस ,गली गाँव ,मुहल्ला ,शहर मे लोगो से बात करनी शुरू करे उनको गाय का महत्व समझाये !! देश के लिए गाय का आर्थिक योगदान बताएं ! और प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति या राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का निवेदन करें ! इतना दबाव डालें की अगले चुनाव मे लोगो उसी सरकार को वोट दें जो इस सुप्रीम कोर्ट के गौ ह्त्या के खिलाफ judgement को पूरे देश मे लागू करें !
और अंत उस क्रांतिकारी मंगल पांडे ने इतिहास बना वो फांसी पर चढ़ गया लेकिन गाय की चर्बी के कारतूस उसने अपने मुंह से नहीं खोले !
और जिस अंग्रेज़ अधिकारी ने उसको मजबूर किया उसको मंगल पांडे ने गोली मर दी !! तो हमने कहा था कि हमारी तो आजादी का इतिहास शुरू होता है गौ रक्षा से !!
इसलिए "गाय की रक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी हमारी आजादी"!
आपने पूरी post पढ़ीं बहुत बहुत धन्यवाद !!
गोरखपुर उत्तर प्रदेश 
+91-8052402445

रविवार, 6 सितंबर 2015

जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है।
अरे
"बॉडी" लेकर आइये, 
"बॉडी" को उठाइये,
"बॉडी" को सूलाइये 
ऐसे शब्दो से आपको पूकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नही पुकारते ,
जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी।

इसीलिए निर्मिती" को नही
निर्माता" को प्रभावित करने के लिये जीवन जियो।

जीवन मे आने वाले हर चूनौती को स्वीकार करे।......
अपनी पसंद की चिजो के लिये खर्चा किजिये।......
इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।....

आप कितना भी बूरा नाचते हो ,
फिर भी नाचिये।......
उस खूशी को महसूस किजिये।......
फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दिजिये।......
बिलकुल छोटे बच्चे बन जायिये।

क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।
लॉस तो वो है 
के आप जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चूकी है।.....

हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,
"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,

"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,

"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,

"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,
"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,

"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,

"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,






अमित कुमार शुक्ला ''प्रचण्ड''
गोरखपुर उत्तर प्रदेश
+91-8052402445

केरल के लव जिहाद की उदहारण

केरल के लव जिहाद की उदहारण सुनो :-

एक नैय्यर ब्राह्मण परिवार की लड़की थी । जिसका किसी स्थानीय मुसलमान परिवार के लड़के से प्रेम सम्बन्ध हो गया और दोनों ने शादी का निश्चय किया ।

लेकिन लड़की के परिवार वाले न माने और लड़की ने भागने का निश्चय किया । और रात को लड़की उस मुल्ले के संग भाग कर मुम्बई आ गई । किसी किराए के मकान पर दोनों रहने लगे और स्थानी मुस्लिम संगठन पूरा खर्चा दे रहे थे । क्योंकि उनका मुजाहिद काफिरों की लड़की जो भगा कर लाया था । तो मदद करने का हक तो बनता ही है न !

तो करीब एक वर्ष दोनों का खर्चा पानी सही से चलता रहा । लड़की गाँय का माँस खाना, नमाज़ पढ़ना सब कुछ सीख गई थी और अब एक साल बाद तक तो लड़की गर्भवती भी हो चुकी थी । लेकिन एक रात के बाद वो जब सोकर उठी तो देखा कि उसका शौहर नहीं है । बहुत ढूँढा लेकिन नहीं मिला । क्योंकि वो रात को ही भाग चुका था । शायद दूसरा लव जिहाद करने को निकला हो ।

तो लड़की अकेली हो गई ऊपर से गर्भवती । अब सहारा देने को कोई न मिला । तो स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने भी सहायता बंद कर दी । मकान मालिक की दया से कुछ दिन वो वहाँ रही । और उसका खाना भी वही देता रहा । लेकिन अब मकान मालिक ने भी किराया माँगना शुरू किया और लड़की की मुसीबत बढ़ने लगी थी । तो उसी मुस्लिम संगठन के पास जाकर गुहार लगाई । तो वे इस शर्त पर मदद करने को राज़ी हुए कि " तुम्हें २४ घण्टे AC room में रखा जायेगा । तुम्हें कुछ नहीं करना बस खाना है और आराम करना है " तो लड़की को थोड़ा सहारा हुआ ।

लेकिन अब पहले तो मौलवीयों ने लड़की का गर्भ घिरवा दिया । और अब उसके कमरे में रोज़ कुछ मुसलमान आने लगे और उस लड़की की आबरू लूटने लगे । लेकिन लड़की के पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था । अब धीरे धीरे लड़की को भी अपने साथ हुए इस धोखे की समझ आने लगी । लेकिन अत्याधित सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई लड़की बिमार पड़ गई । यौन रोग लग गए । तो अपने किए पर पछताने लगी और रोने लगी । अब तो मुल्लाओं ने उसको कमरे में निरवस्त्र रखना शुरू कर दिया था ताकि काफिर लड़की को और ज़लील किया जा सके । तो एक दिन कमरे में से वो लड़की ने भागने के लिए खिड़की में से बाहर को नंगी हालत में ही छलाँग लगा दी । क्योंकि किराये का कमरा पहली मंज़िल पर ही था । और लड़की को ज्यादा चोट भी न आई । बिमार हालत में वो लड़की भागने लगी । और रिक्शा वाले के पास गई । रिक्शा वाले ने पहले तो कम्बल से उसे ढका और लेकर रिक्शा को भगाने लगा । पीछे से वे मुल्ले जो उसके साथ मज़ा करने आए थे, उन्होंने देख लिया और रिक्शा के पीछे भागते हुए पत्थर मारने लगे । लेकिन रिक्शा वाला साहसी था और रिक्शा तेज़ी से लेकर पुलीस थाने पहुँचा । पुलीस ने लड़की को सम्भाला और पूछताछ के बाद मुल्लों की स्लम बस्ती में छापा मारा जिसमें पहले से तैय्यार मुजाहिदों ने पिस्तौलों से हम्ला कर दिया । और अब वो बस्ती रण का मैदान बन गई । दोनों ओर से ज़बरदस्त फायरिंग हुई । जिमें एक कांसलेबल घायल हो गया । और तीन मुल्ले अल्लाह को प्यारे हो गए । कई लोगों को गिरफ्तार किया गया ।

और लड़की को केरल वापिस उसके घर पहुँचाया गया है । लेकिन जिस हालत में वो वापिस गई है । अपने किये पर शरमिंदा है ।

हिंदू लड़कियों से प्रश्न है कि यदि सभी लोग एक जैसे नहीं होते तो फिर क्यों नहीं आप लड़कियाँ हिंदू में से ही किसी अच्छे लड़के की तालाश करतीं ? अरे कम से कम तुम्हारी आबरू तो सुरक्षित रहेगी ! तुम्हारा सामूहिक शोषण तो नहीं होगा ?





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मुस्लिम लोग

मुस्लिम लोग जो अक्सर मशहूर हस्तियों के बारे मे अफवाह फैलाते है कि "फलाने ने इस्लाम कबूल कर लिया"...." फलाना बंदा इस्लाम में कनवर्ट हो गया".......उनके इसी झूठ पर कटाक्ष करती एक बुद्धिजीवी मुस्लिम ब्लॉगर की पोस्ट.....
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"चलिए सभी मुसलमान भाई को मुबारक हो कि आइंस्टाइन शिया मुसलमान हो गए। जल्द ही न्यूटन और गैलिलीयो के भी सुन्नी मुसलमान होने की घोषणा हो सकती है। ये अलग बात है कि फिर दोनों एक-दूसरे को काफ़िर क़रार दे दें। असल में ये सभी बाते हमारे inferiority complex को दर्शाता है। बचपन से हम सुनते आ रहे है कि जब चांद पर नील आर्मस्ट्रांग पहुंचा तो उसने वहां आजान की आवाज सुनी, वापस आ कर वह मुसलमान हो गया। इसी तरह यूरी गागरिन, सुनीता विलियम्स, माइक टिसन, माइकल जैक्सन और बहुत बड़े हस्तियो के बारे मे हम ने मुसलमान होने की खबर सुनी। ये सारी बातें आगे जा कर झूठी साबित हुई!.
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एक मुस्लिम वैज्ञानिक अब्दुस्सलाम जो भारत मे पैदा हुए और आजादी के बाद पाकिस्तान चले गए और जो भौतिक विज्ञान के वैज्ञानिक थे, उस को उसके काम के लिये नोबेल प्राइज़ दिया गया और ये विश्व का पहला मुस्लिम वैज्ञानिक था। बस उसकी गलती थी कि वह अहमदिया फिरका को मानता था, उसके खिलाफ मुल्लाओ ने पाकिस्तान मे मोर्चा खोल दिया और उसके क़ाफ़िर होने का फ़तवा दे दिया गया और इन मुल्लाओ ने हुकूमत पर इतना दबाव डाला कि आखिरकार 1976 में जब पाकिस्तान संसद ने अहमदी को गैर-मुस्लिम करार दिया तो डॉक्टर अब्दुस्सलाम विरोध में पाकिस्तान छोड़कर लंदन चले गए। 21 नवम्बर 1996 में 70 साल की उम्र में अब्दुस्सलाम की मृत्यु गंभीर बीमारी के कारण लंदन में हुई, उन्हें पाकिस्तान में ही दफनाया गया। इस तरह हम ने एक मुसलमान को काफ़िर बना दिया और आइंस्टाइन को मुसलमान बना रहे है।
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असल मे इस्लाम को मुल्लाओ ने जितना नुक़सान पहुचाया है और किसी ने नहीं। शिक्षा को इस्लाम में अहम बताया गया है लेकिन उससे ही मुल्लाओं ने दूर कर दिया। शिक्षा में मुसलमान कितने पीछे है, आप खुद इस से अंदाजा लगाये के Higher Education तक 98% यहूदी पहुंचते है, ईसाई 42% , हिन्दू 11% और मुसलमान 2 % तक ही पहुंचते है। जबकि आबादी के अनुसार हम विश्व मे दूसरे नम्बर पर हैं। 1800-1920 के बीच हुए बड़े वैज्ञानिक जिनके आविष्कार दुनिया को आधुनिक दौर मे ले गए, इन वैज्ञानिकों में सभी या तो यहूदी या ईसाई है, एक भी मुस्लिम वैज्ञानिक नही हैं। अब एक नज़र इस पर भी डालिए कि दुनिया के सबसे बड़े इनाम नोबेल प्राइज़ भिन्न-भिन्न क्षेत्रों मे वैज्ञानिकों को दिया जाता है उसमे हमारी क्या स्थिति है। 1901-2011 तक नोबल प्राइज़ भौतिकी, रसायन, मेडिकल क्षेत्र 375 वेज्ञानिकों को दिया गया है जिस मे सिर्फ 4 हिन्दू और 1 मुस्लिम विज्ञानिक को मिला है बाकी वैज्ञानिक या तो यहूदी या ईसाई है। इससे पता चलता है के शिक्षा के क्षेत्र मे हम बहुत पीछे है।
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सच बात यह है कि हम मुसलमान इस समय 'खिसयानी बिल्ली खंभा नोचने' के जैसे हैं, क्योंकि इस आधुनिक विश्व और मानवता मे हमारा कोई सहयोग नही है , क्योंकि हम शिक्षा मे आगे नहीं है इसलिए दूसरे की उपयोगिता हम अपने खाते मे डालना चाहते हैं। इसलिए जब भी होता है हम किसी को भी मुसलमान या क़ाफ़िर बना देते है। इस तरह के बेवक़ूफी वाले काम खत्म होने चाहिए। अपनी गलती और अपनी कमी को मान कर सुधार करने चाहिए और शिक्षा मे आगे आना चाहिए ताकि हम भी और क़ौमों के बराबर खड़े हो सकें!"...
साभार 
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/KASAUTI/entry/einstein-is-muslim-abussalam-is-not1






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